गुरुवार, 18 दिसंबर 2008

कर्तव्य को क्यों छोड़े!

गाय और सांप दो अलग-अलग प्राणी है।लेकिन दोनों की प्रकृति में बड़ा अन्तर है.गाय घास खाती है,इसके बावजूद वह दूध देती है जबकि सांप दूध पीकर भी जहर उगलता है.बस यही अन्तर सज्जन और दुर्जन में है.सज्जन व्यक्ति गाय की भांति होता है जो अपने उपकारी के बदले में सवाई चीज दिए बिना नही रहता तथा दुर्जन सांप की भांति है.जो दूध पीकर भी अन्दर जहर उगलता है.नदी के जल में गिरे बिच्छू को बचाने का प्रयास किया जाय,फ़िर भी बिच्छू अपने काटने के स्वभाव को नही छोड़ता.तो फ़िर सज्जन अपने बचाने का स्वभाव को क्यों छोड़े?

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ॐ भूर्भुवः स्वः । तत् सवितुर्वरेण्यं । भर्गो देवस्य धीमहि । धियो यो नः प्रचोदयात् ॥ ॐ भूर्भुवः स्वः । तत् सवितुर्वरेण्यं । भर्गो देवस्य धीमहि । धियो यो नः प्रचोदयात् ॥ ॐ भूर्भुवः स्वः । तत् सवितुर्वरेण्यं । भर्गो देवस्य धीमहि । धियो यो नः प्रचोदयात् ॥ pimp myspace profile