एक महिला बहुत गरीब थी.उसके पति ने भी उसे छोड़ दिया था।
आजीविका का कोई सहारा उसके पास नही दीखता था,
जब उसका मुकद्दमा अदालत में चला गया तो जज ने पूछा,
''श्रीमती जी ,क्या आपके पास गुजरे का कोई साधन है?
"श्रीमान!सच्च पूछिए तो मेरे पास तीन है"
"तीन!"जी हां ,एक-दो नही तीन!
"वे कोन-कोन से?
"मेरे हाथ,मेरी अच्छी सेहत और मेरा इश्वर
हमारा ईश्वर हमारा शरण और शक्ति है,
मुसीबत में बढ़ कर मददगार नही।
बहुत ही सुंदर बात,
जवाब देंहटाएंधन्यवाद.
पिंटू जो चीज तुम चाहते थे मेने तुम्हारे ब्लांग मै डाल दी है,
जवाब देंहटाएं्ध्यान से देखो ओर इस का नाम भी बदल लो
bahut sahi kaha .........
जवाब देंहटाएंबहुत बहुत सुंदर
जवाब देंहटाएंखुद्दारी इसे कहते हैं और ख़ुद पर भरोसा.....बहुत अच्छा लगा इसे पढ़ना
जवाब देंहटाएंऐसी बातें लिखा करो पढ़कर अच्छा लगता है, वह गाँधी वाला लेख भी अच्छा है!
जवाब देंहटाएं---मेरा पृष्ठ
चाँद, बादल और शाम
ईश्वर की कृपा बनी रहे तो अच्छी सेहत से मनुष्य अपने (हाथों के) भरोसे असंभव को भी सम्भव में बदल सकता है
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