गुरुवार, 29 जनवरी 2009

बेटी तुझे सलाम!

लोग कहते है की लड़कियां अभिशाप होती है,और इसलिए लोग लड़की का पता चलते ही उसे जन्म लेने से पहले ही उसे मार दिया जाता है। लेकिन मै ये कहता हूं की लड़कियां क्या नही कर सकती है.बस उसे मौका तो मिलना चाहिए। लड़कियां भी तो बेटे होने का फर्ज निभा सकती है।
बात हमारे आसपास के गांव की है और मै जिस दिन से सुना मुझे रहा नही गया,कभी ओ हमारे साथ पढ़ती भी थी।
ओ लड़की दो बहने है .और उसकी मां नही थी। और अब बाप भी इस दुनिया में नही रहा.उसका बाप खेती-किसानी करता था,और किसी तरह घर-परिवार चलता था,और काफी दिनों से वह हमेसा बीमार रहता था।
बड़ी बेटी जो पढ़ती थी फ़िर उसने पढ़ाई छोड़कर एक कपड़े की दुकान में काम करने लगी और अपने पिता,और अपने छोटी बहन की मदद करने लगी। फ़िर कुछ दिनों पहले उसकी शादी हो गयी और ओ अपने ससुराल चली गयी। फ़िर अपने बीमार पिता, और घर का खर्च जिम्मा छोटी बेटी जो अभी १३.साल की है पर आ गयी फ़िर उसने भी पढ़ाई छोड़ कर एक कपड़े की दुकान में काम करने लगी और किसी तरह घर चलाने लगी। अभी कुछ दिन पहले ही उसका बाप इस दुनिया से चल बसा। और दोनों बेटियों ने बाप की अर्थी को कंधा भी दिया और छोटी बेटी ने बाप को अग्नि भी दिया।
अब आप ही बताये की बेटी क्या कुछ नही कर सकती है।
एक संदेश जो मै आप सभी से कहना चाहता हूं-
माना की लड़के घर का चिराग होता है,
तो लड़की भी तो उस चिराग की रौशनी होती है।
और जब लड़की बड़े होने पर उसकी शादी हो जाती है,
और जब वह मां बन जाती है,
तो मां के पैरो के निचे तो जन्नत होती है।

14 टिप्‍पणियां:

  1. बहुत सही कहा ऐ मेरे दोस्त ...अच्छा लेख

    अनिल कान्त
    मेरी कलम - मेरी अभिव्यक्ति

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  2. बहुत प्रेरक प्रसंग है। आभार।

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  3. बहुत प्रेरक प्रसंग है। आभार।

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  4. लडकियां किसी से कम नही है ..बहुत ही प्रेरणा देने वाला प्रसंग लगा यह

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  5. लडकियां किसी से कम नही है ..बहुत ही प्रेरणा देने वाला प्रसंग लगा यह

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  6. प्रेरणादायक पोस्ट..
    आप का संदेश सब तक पहुंचे.
    धन्यवाद

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  7. लडकियां अभिशाप नहीं, घर का सौन्दर्य होती हैं.........जिसने नहीं जाना, देवता को खो दिया

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  8. जीयो बेटा जीयो बहुत सुंदर लिखा, काश भारत मै सभी ऎसा सोचते.
    धन्यवाद

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  9. इससे मिलते जुलते बहुत से उदाहरण मिल जायेंगे. जरूरत इस बात की है कि समाज ऐसी घटनाओं को अचरज से न देख कर स्वाभाविक रूप से देखने का आदी हो जाए. अजहर हाशमी के इन पंकितोयों को देखिये -
    त्याग, तप, गुण, धर्म, साहस की
    बेटियाँ गौरव कथाएँ हैं.

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    जिनमें ख़ुद भगवान बसता है,
    बेटियाँ वे वंदनाएं हैं.

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  10. नमस्ते. आपकी इतनी सारी blog/post देखके मैं घबरा गया था. फ़िर मैं एक एक कर के देखने लगा. और आपको जानने लगा. एकं मानिये आपको पड़ना बहोत ही खुस्नावर था. बहोत अच्छा लगा आपके blogs पर आके.

    मैं कभी कभी हिन्दी में भी लिखता हूँ. वैसे मेरी हिन्दी उतनी अच्छी नही है, लेकिन मेरा कौशिश रहता है के मैं ठीक ठाक लिखूं...

    अगर आप मेरे blog पर कभी आ सके और मेरे कवितायेँ देख सके तो मुझे बहोत अच्छा लगेगा... आपकी हर टिपण्णी ध्यान से पडूंगा और कौशिश करूँगा मेरे आने वाले लेखों में इस्तेमाल करूँ...

    मेरा blog का link: Thus Wrote Tan! ...

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  11. प्रेरणादायक पोस्ट

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