किसी गांव में तीन सहेलिया रहती थी.
विद्दा, दोलत और इज्जत
तीनो में बहुत घनिष्ठ मित्रता थी.एक दिन जब विदाई का समय आया तो विद्दा बोली-मै जा रही हूं.मुझसे मिलना हो तो मै किताबो में तथा विद्दानो के पास मिलूंगी.दोलत बोली-मै अमीरों के पास मिलूंगी.इसके बाद इज्जत की बारी आई तो वह कुछ न बोली.तो विद्दा और दोलत ने पूछा-तुम कही नही जा रही हो?तब इज्जत बोली-मै एक बार चली गई तो फ़िर वापस नही मिलूंगी।
बिल्कुल सच्ची बात है दौलत जाने के बाद वापस आ जाएगी लेकिन अगर इज्जत चली गई तो फिर नहीं आने की बिल्कुल सही लिखा है
जवाब देंहटाएंबहुत ही अच्छी बात, सच है एक बार इज्जत चली गई तो कभी वापिस नही आती.
जवाब देंहटाएंbehtrin. bhadhai.
जवाब देंहटाएंयह तो कुछ ही शब्दों में बहुत बड़ी बात कह दी आपने !
जवाब देंहटाएंघुघूती बासूती
रोचक रूप में अच्छी शिक्षाप्रद बात कह गए पिण्टू जी ! बधाई !
जवाब देंहटाएंpinto bahi aaj kal to ijjat bhrasht logo ki hai, sedhey sadey logo ki khan, par haan ek bar chali gayi to laut ke nahin aayegi.
जवाब देंहटाएंशानदार.......
जवाब देंहटाएंबिल्कुल सही सीख!! आभार.
जवाब देंहटाएंबहुत सुंदर तरीके से आपने गहरी बात कही है
जवाब देंहटाएंबहुत ढ़ग से ज्ञानियों वाली बात की आपने
जवाब देंहटाएंबहुत ख़ूब...
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चाँद, बादल और शाम