रविवार, 4 जनवरी 2009

तीन सहेलिया!

किसी गांव में तीन सहेलिया रहती थी.

विद्दा, दोलत और इज्जत

तीनो में बहुत घनिष्ठ मित्रता थी.एक दिन जब विदाई का समय आया तो विद्दा बोली-मै जा रही हूं.मुझसे मिलना हो तो मै किताबो में तथा विद्दानो के पास मिलूंगी.दोलत बोली-मै अमीरों के पास मिलूंगी.इसके बाद इज्जत की बारी आई तो वह कुछ न बोली.तो विद्दा और दोलत ने पूछा-तुम कही नही जा रही हो?तब इज्जत बोली-मै एक बार चली गई तो फ़िर वापस नही मिलूंगी।

10 टिप्‍पणियां:

  1. बिल्‍कुल सच्‍ची बात है दौलत जाने के बाद वापस आ जाएगी लेकिन अगर इज्‍जत चली गई तो फिर नहीं आने की बिल्‍कुल सही लिखा है

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  2. बहुत ही अच्छी बात, सच है एक बार इज्जत चली गई तो कभी वापिस नही आती.

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  3. यह तो कुछ ही शब्दों में बहुत बड़ी बात कह दी आपने !
    घुघूती बासूती

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  4. रोचक रूप में अच्छी शिक्षाप्रद बात कह गए पिण्टू जी ! बधाई !

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  5. बेनामी5/1/09 12:52

    pinto bahi aaj kal to ijjat bhrasht logo ki hai, sedhey sadey logo ki khan, par haan ek bar chali gayi to laut ke nahin aayegi.

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  6. बिल्कुल सही सीख!! आभार.

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  7. बहुत सुंदर तरीके से आपने गहरी बात कही है

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  8. बहुत ढ़ग से ज्ञानियों वाली बात की आपने

    बहुत ख़ूब...

    ---मेरा पृष्ठ
    चाँद, बादल और शाम

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