मन की बात
गुरुवार, 7 जनवरी 2010
सिर्फ 'हवा' खा!
भारी महंगाई सिर पे गरीब क्या खायेगा पानी भी हुआ महंगा ,बोल क्या पिएगा। इसलिए प्यारे तू सिर्फ हवा खा और हवा पी। वह भी था जमाना,जब दूध-मलाई खाई आज तो हर शै ने प्यारे बुरी मिलावट पाई ,इसलिए प्यारे तू सिर्फ हवा खा,और हवा पी।
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ॐ भूर्भुवः स्वः । तत् सवितुर्वरेण्यं । भर्गो देवस्य धीमहि । धियो यो नः प्रचोदयात् ॥ ॐ भूर्भुवः स्वः । तत् सवितुर्वरेण्यं । भर्गो देवस्य धीमहि । धियो यो नः प्रचोदयात् ॥ ॐ भूर्भुवः स्वः । तत् सवितुर्वरेण्यं । भर्गो देवस्य धीमहि । धियो यो नः प्रचोदयात् ॥